
“टिन, डिन, बुल, पुल के उच्चारण में अंतर जीभ व होठों की स्थिति का, अधीक्षका मरकाम”
“कस्तूरबा छात्रावास चिल्लोर अधीक्षका का बच्चों को चरण-दर-चरण शिक्षा ग्रहण कराने का सहरानिय प्रयास”
“भीमपुर : जाकीर की कलम” “बच्चों अपने कदमों की काबिलियत पर रखो विश्वास, चुके वही सफलता की अहम और असल निशानी है, चुकी वक्त से लड़कर बदल दे जो अपना नसीब, मनुष्य वही जो अपनी किस्मत बदल दे, चुके बच्चों कल क्या होंगा यह मत सोचो, कल क्या पता स्वयं अपनी तस्वीर के साथ तकदीर बदलेंगा, यह वही पाएंगा जो पूरी शिद्दत के साथ शिक्षा ग्रहण करने में मेहनत करेंगा” जिसे धरातल पर उतारने की पुरजोर कोशिश कस्तूरबा गांधी छात्रावास चिल्लोर की दिखाई देने लगी है। चुके भीमपुर ब्लॉक के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी छात्रावास मैं आज दिनांक अक्षरो का महत्व अधीक्षका ने हिंदी बोलने, सीखने और पढ़ने के लिए बच्चों को बेलदार बनाकर शब्द जोड़ने का सही तरीका एवं उच्चारण बड़े ही अजीबों गरीब अंदाज में सिखाया व समझाया, जो कि काबिले तारीफ कहना गलत नही होंगा। चुके छात्रावास के बच्चों को सरल अंदाज में समझाते हुए चित्रों, रैली, फ्लेक्स के माध्यम से शब्द का उच्चारण उस शब्द को बोलने का एक निश्चित तरीका, जिसमें ध्वनियों, स्वर और व्यंजन के सही क्रम और लय का पालन करना, वही आगे बताया कि सही उच्चारण किसी भी भाषा को बेहतर ढंग से समझने, बोलने के लिए महत्वपूर्ण है, चूकि यह शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करता है, जैसे सुनने और समझने की क्षमता को सुधारता है। चुकी होठों और जीभ की गति को देखने से बच्चों को विभिन्न ध्वनियों के उच्चारण के स्थान और प्रकृति को समझने में मदद मिलती हैं और मिलेगी। चुकी समझ बच्चों को शब्दों का सही उच्चारण कर सीखने और समझने ने में मदद करेगी। जैसे कि टिन, डिन, या बुल, और पुल के उच्चारण में अंतर जीभ के साथ ही होठों की स्थिति और गति को समझने से सीखना आसान हो जाता है। जिस कारण बच्चों को बेलदार “बनावट” बनाकर शब्द जोड़ने का उच्चारण सिखाने के लिए पहले सरल दो-अक्षर वाले शब्दों जैसे मन, मल, बिल, मिल, राशी, पिन का अभ्यास कराएं जा रहा, त्तपश्चात सरल शब्द से कठीन शब्द की ओर धीरे-धीरे तीन-अक्षर जैसे मटर या महल पर जाएंगे। वही अधीक्षक ने बताया कि आनेवाले दिनों में तुकबंदी वाली कविताओं, गीतों को समझाने कि कोशिश की जाएगी, जो बच्चों को ध्वनियों को सुनने और पहचान ने में मदद करेंगी, चुके हमारी कोशिश अक्षरों के संयोजन से शब्दों को सही ढंग से बोलने के लिए प्रेरित करने की हैं।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


