*भारत के मशहूर व मारूफ़ शायर अब्दुल जब्बार शारिब (झांसी) की बड़ी बहन ऱफ़ीक़ बानो (75) का लंबी बीमारी से निधन **
झांसी। (इक़बाल अंसारी मुंबई) भारत के जाने-माने शायर अब्दुल जब्बार शारिब झांसी उत्तर प्रदेश के कुटुंब में अत्यंत दुख के साथ यह शोक संदेश दिया जाता है कि आप की माता तुल्य बड़ी बहन एवं रेलवे विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी जनाब बाबू ख़ान साहब की धर्म पत्नी मोहतरमा रफ़ीक़ बानो उम्र लगभग 75 वर्ष का लंबी बीमारी के बाद 6 नवम्बर 2025 की शाम लगभग सात बजे इंतिक़ाल हो गया।
मरहूमा (स्वर्गीय) रफ़ीक़ बानो साहिबा पिछले चार वर्षों से फालिज (लकवे) के प्रकोप से पीड़ित थीं। वे नमाज़ और रोज़े की पाबंद, धर्मनिष्ठ, प्रेमऔर समर्पण भाव रखने वाली, मिलनसार और अत्यंत उच्च चरित्र एवं उत्तम आचरण की महिला थीं। पूरे परिवार के साथ समाज के लोग भी उनके उच्च नैतिकता और प्रेम समर्पण भाव के प्रशंसक थे। मरहूमा ने अपने पीछे पति(शौहर) , तीन बेटे और दो बेटियों सहित एक भरा पूरा और संपन्न परिवार छोड़ा है, उनके चले जाने से घर परिवार और समाज के लोग शोक पीड़ित हैं।
उन के इंतिक़ाल (निधन) बाद पति बाबू ख़ान और भाई अब्दुल जब्बार शारिब गहरे सदमे में हैं।
यहां यह बताना आवश्यक है कि कोरोना काल में जनाब अब्दुल जब्बार शारिब की धर्म पत्नी और भाईयों के निधन से आहत है,अब बड़ी बहन रफ़ीक़ बानो, जो भाई अबदुल जब्बार शारिब के लिए मां और पिता दोनों की भूमिका में एक साया बन कर मोहब्बत का हाथ फेरती थीं, वो भी अब इस दुनिया को अलविदा कह गईं।
मरहूमा का जनाज़ा शुक्रवार को नमाज़-ए-जुमा के बाद उनके पति के मकान से उठाया गया। हाफ़िज़ त़क़ी साहब, पेश इमाम सदन की मस्जिद, अंदर सैर गेट ने नमाज़-ए-जनाज़ा अदा कराई।
जनाज़े में बड़ी संख्या में अदबी सियासी सामाजिक हस्तियां, समाज जन, मित्रगण और निकट परिवार जन उपस्थित थे।
मुख्य रिश्तेदारों में जनाब अब्दुस्सलीम ख़ान एडवोकेट (कुरबई, विदिशा), जनाब सरफ़राज़ अहमद (आगरा), जनाब फ़ारूक़ साहब (दिल्ली) और जनाब रफ़ीक़ साहब (आगरा) के नाम उल्लेखनीय हैं।सैकड़ों शोक संतप्त लोगों की मौजूदगी में मरहूमा को नम आंखों से सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।
देश के नामचीन शायरों में जनाब एजाज़ अंसारी (दिल्ली), हामिद अली अख़्तर (दिल्ली), जनाब मक़सूद बस्तवी (झांसी), डॉ. जलील बुरहानपुरी, हामिद भुसावली, इक़बाल अंसारी (मुंबई) सहित अनेक प्रमुख हस्तियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शोक संदेश भेजे और मरहूमा के लिए दुआ-ए-मग़फ़िरत की।
“हर्फ़ हर्फ़ आइना” न्यूज़ पोर्टल भी मरहूमा के लिए दुआ-ए-मग़फ़िरत करते हैं कि “रब-ए-करीम मरहूमा को अपनी जवार-ए-रहमत में आला से आला मक़ाम अता फरमाए, उनकी मग़फ़िरत करे, उनकी क़ब्र को अपनी रहमत के नूर से रोशन और मुनव्वर फरमाए और रोज़-ए-महशर में हमारे आक़ा, रसूल-ए-पाक, ताजदार-ए-मदीना हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ की शिफ़ाअत नसीब फरमाए — और घर परिवार, रिश्तेदार और समाज के लोगों को सब्र-ए-जमील अता करे। आमीन, सुम्मा आमीन, या रब्ब-उल-आलमीन।”

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


