“बेगुनाह मासूम बच्चों की मौत क्षेत्र में भारी आक्रोश और भय का माहौल, जाकीर की कलम”
“कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मासूमों की मौत प्रदेश भर में आक्रोश—दोषियों को फांसी की मांग”
“आमला:” कैसी सरकार हैं, कैसा है लोकतंत्र, जहां देखो वहां यम हैं हम की नीति चलाते नज़र आने लगा है प्रदेश में बैठा मुखिया कहो या केंद्र में बैठे आका “श्मशान में लाशें जल रही, तन में सांसें जल रही, यह कैसा कैसा अजब मंजर, जहां नजर घुमाओ वहां डर खौफ से दिलों में लकीरें खिंच रही” बेगुनाह नौनिहालों की मौत पर क्षेत्र वासियों में भारी आक्रोश स्वास्थ्य विभागों में बैठे बाशिंदों के प्रति कहु या सत्ता में बैठे प्रदेश वासियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह आरोग्य मंत्री के साथ ही प्रदेश के मुखिया के क्या कहने, वही केंद्र में विराजमान की गाथा ही कुछ निराली निराली सी देखने में आती हैं। नौनिहालों कि मौत के तांडव को देखते हुए आमला विधान सभा क्षेत्र के बुद्धिजीवी नागरिकों ने अनुविभागीय अधिकारी दंडाधिकारी शैलेन्द्र बड़ोनिया आमला के माध्यम से देश प्रदेश के कई कद्दावरों को ज्ञापन सौंपकर मौत के तांडव कर्ताओ पर दंडात्मक करवाही कर फांसी की मांग की है। चुके आमला विकासखंड में जहरीला कफ सिरप पीने से मासूम बच्चों की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल बना हुआ है। चुकी ग्राम कलमेश्वरा निवासी कबीर “4 वर्ष” पिता कैलाश यादव और ग्राम जामुन बिछुवा निवासी गर्मित “ढाई वर्ष” पिता निखलेश धुर्वे की मौत हो चुकी है। वहीं ग्राम टीकाबरी निवासी हर्ष यदुवंशी “साढ़े तीन वर्ष” की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।जिसका इलाज नागपुर से रेफर होकर इन दिनों एम्स भोपाल में चल रहा है। जिस कारण दर्दनाक घटना के बाद आमला सहित आसपास के गांवों में मातम छाया हुआ है। लोगों में दवा को लेकर गहरा डर बैठ गया, जो कि साफ तौर पर दिखाईं दे रहा है। माता-पिता अब बच्चों को किसी भी तरह का सिरप देने से पहले सौ बार सोच रहे, या सोचने को मजबूर देखे जा सकते हैं। उक्त दर्दनाक घटना को लेकर आमला क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद डी डी उईके, आमला सारणी विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे को ज्ञापन एसडीएम आमला के माध्यम से सौपकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
“स्थानीय नागरिकों का कहना है”
> “दवा और मरीज का रिश्ता माँ-बच्चे जैसा होता है। इस पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की गलती दोबारा न कर सके।”
नागरिकों ने मांग की है, कि मामले की विशेष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और बच्चों की सुरक्षा के लिए दवाओं की गुणवत्ता जांच प्रणाली को और सख्त किया जाए।ज्ञापन कर्ता मोहम्मद आसीफ लंघा, मदन साहू, विनय रामपुरे, लोकेश सोनी, राजेश राठौर एवं अन्य गणमान्य नागरिक शामिल थे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


