“एकता नवदुर्गा उत्सव समिती ने हर्षौल्लास के साथ मनाया नवरात्रि उत्सव, जाकीर की कलम”
नवार्ण मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै” या ‘मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए’ “दुर्गा स्तोत्र” ‘सर्व मंगला मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते”
“सारणी:” सतपुड़ा के वादियों में बसे सारणी क्षेत्र कि कोलनागरी हॉस्पिटल कॉलोनी पाथाखेड़ा में प्रतिवर्षनुसार इस वर्ष भी मातारानी की स्थापना कर नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा। चुकी समिति के पदाधिकारी व माता के भक्तों ने बताया कि विगत 28 वर्षों से देवी शक्ति को समर्पित नवरात्रि उत्सव एकता नवदुर्गा उत्सव समिती हॉस्पिटल कॉलोनी पाथाखेड़ा द्वारा मनाने की परम्परा चलती चली आ रही है। जिसे इस वर्ष भी एकता नवदुर्गा उत्सव समिती के भक्त व कॉलोनी के श्रद्धालुओ द्वारा बड़े ही हर्षौल्लाहस के साथ मातारानी को विराजमान कर नौ रातों का उत्सव मना रहे हैं, जो कि हॉस्पिटल कॉलोनी में मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चुके एकता नवदुर्गा उत्सव समिती हॉस्पिटल कॉलोनी में मातारानी के भक्तों की एकता जो कि माता को समर्पित होकर समय समय पर मातारानी कि पूजा अर्चना, भजनों के साथ ही तरह तरह के आयोजन व कार्यकर्म कर मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। वही एकता नवदुर्गा उत्सव समिती के संतोष नागले, रविन्द्र नागवंशी, राकेश सेठिया, अनिल चौकीकर, सागर साकरे ने नवरात्रि के संदर्भ में मातारानी कि 9दिन कि महिमा बताई। जैसे कि नौ दिनों तक मातारानी के नौ स्वरूपों- को समय समय पर पूजा अर्चना की जाती हैं। जिसमे माता शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कूष्मांडा, माता स्कंदमाता, माता कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी और माता सिद्धिदात्री की पूजा की जा रही और कि जाती है। मातारानी का प्रत्येक रूप मानव संचार और कल्याण के लिए अलग-अलग संदेश देता है, किंतु जिसमे धैर्य, साहस, भक्ति और ज्ञान का भंडार हो वो ही समझ पाता है मातारानी कि महिमा। चुकी मातारानी की कृपा जीवनभर भक्तों पर अपरम्पार बनी रहती हैं। वही मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि में शक्ति और देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का नौ दिवसीय त्योहार है। एकता नवदुर्गा उत्सव समिती हॉस्पिटल कॉलोनी द्वारा नवरात्रि पर्व के दौरान भक्तगन माँ दुर्गा की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त कर माता दुर्गा का पूजन प्रति दिवस चल रहा है।
जबकि नवरात्रि में शेरावाली का महत्व बहुत बड़ा है। बता दे कि शेरावाली मां मतलब शेर पर सवार होने वाली देवी, चुकी शेरावाली मां का शेर माता का वाहन है। चुकी नवरात्रि में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए शेरावाली मां से शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जहां
सभी माता के रूपों की पूजा की जाती है, साथ ही नवरात्रि के दौरान अलग-अलग दिनों में पूजे जाते हैं, मां दुर्गा के सभी अवतारों का सार निहित है। एकता नवदुर्गा उत्सव समिती द्वारा
नवरात्रि उत्सव मनाने की प्रक्रिया में शुमार सर्व प्रथम दीप प्रज्वलन कर प्रति दिवस माता की मूर्ति के सामने दीपक जलाना, फल-फूल चढ़ाना, देवी को लाल फूल, सिंदूर और नारियल चढ़ाना सतत जारी है। इसी तारतम्य में समिति द्वारा माँ दुर्गा की स्तुति में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया, नौ दिनों तक उपवास रखते हुए जरूरतमंदों को भोजन व दान किया गया। चुकी नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का प्रतीक माना जाता है, जिस कारण भक्त देवी दुर्गा को शेरावाली के रूप में पूजते हैं, जिससे भक्तगण को जीवन में शक्ति, शांति, समृद्धि मिलती है। जिसे बड़े उत्साह के साथ एकता नवदुर्गा उत्सव समिती ने नवमी को भंडारा का आयोजन कर कई भक्तों ने प्रसादी ग्रहण कर मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त किया। जिस कारण हॉस्पिटल कॉलोनी में उत्साह का माहौल बना हुआ है। चुके लगातार एकता नवदुर्गा उत्सव समिती के कार्यकर्ता जिसमे संतोष नागले, रविन्द्र नागवंशी, राकेश सेठिया, अनिल चौकीकर, सागर साकरे, पीयूष सूर्यवंशी, जयकिशोर भादे, नरेंद्र पवार, रवि मोहन, अखिलेश उईके, गुलाब उईके, अंकित सिंघ, विकाश नवाते, बसंत बारवरे, राहुल मुंडा, पप्पू प्रजापति एवं कॉलोनी वासियों का सहरानिय कार्य कर रहे हैं।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


