*ज़िंदा होकर भी मर चुके हैं हम” — ताप्ती सेवा समिति का अनोखा कार्यक्रम*
बुरहानपुर(इक़बाल अंसारी) बुरहानपुर शहर की गलियों और सड़कों की हालत अत्यंत ख़राब है। भरपूर समर्थन और ढंग से आंदोलन करने और शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के बाद भी स्थिति जूं की तूं बनी हुई है। वार्ड के निर्वाचित पार्षद इस मामले में निष्क्रीय हैं। कुछ समाज सेवी संगठन आवाज़ उठाते हैं, मेमोरेंडम देते हैं, लेकिन मेमोरेंडम को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। सामाजिक संस्था ताप्ती सेवा समिति ने जनहित में इस मुद्दे को पूरी ताकत के साथ उठाया है। इस संस्था के अनुसार बुरहानपुर की सड़कों पर लगातार बढ़ रहे गड्ढे और उनसे हो रहे हादसों ने नागरिकों को गहरी पीड़ा में डाल दिया है। इन्हीं हालातों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए ताप्ती सेवा समिति ने एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया था।इसमें कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने स्वयं अपने गले में माला पहनकर यह संदेश दिया कि—
“हम ज़िंदा होकर भी मर चुके हैं ? क्योंकि आए दिन के सड़क हादसों को देखकर भी हम चुप और खामोश हैं।”
*हादसों का बढ़ता आंकड़ा*
परिवहन विभाग और स्थानीय पुलिस रिकार्ड के अनुसार, बुरहानपुर जिले में वर्ष 2024 में 320 से अधिक सड़क हादसे दर्ज किए गए।
इनमें से 90% हादसे सड़कों पर गड्ढों, असमान सतह और रखरखाव की कमी से जुड़े पाए गए।
पिछले एक वर्ष में 50 से अधिक मौतें और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
सबसे अधिक पीड़ित वर्ग स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र और दोपहिया वाहन चालक रहे।
शहर की लगभग 90% प्रमुख सड़कें मरम्मत की प्रतीक्षा में हैं।
कई जगहों पर गड्ढों की गहराई 6 से 12 इंच तक पहुँच चुकी है, जिससे छोटे वाहन पलटने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
मानसून के बाद स्थिति और भी भयावह हो गई है ? क्योंकि पानी भरने से गड्ढे दिखते नहीं और दुर्घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
ताप्ती सेवा समिति अध्यक्ष श्रीमती सरिता राजेश भगत ने कहा कि :
*“यह कार्यक्रम किसी प्रकार की राजनीति या विरोध-प्रतिरोध नहीं है”*
यह गाड़ी सहन करने वाले समाज की पीड़ा और बेबसी को व्यक्त करने का एक छोटा सा प्रयास है।
हमारे गले की यह माला सम्मान की नहीं, बल्कि चेतावनी की माला है —
कि *अगर हम सब चुप रहेंगे तो यह चुप्पी हमारी मौत बन जाएगी।*
हमारा उद्देश्य प्रशासन, नेताओं और जनता — तीनों को यह एहसास कराना है कि:
हादसे किस्मत नहीं, बल्कि लापरवाहियों का नतीजा हैं।”
इस कार्यक्रम ने तीन स्तरों पर सामाजिक संदेश दिया:
प्रशासन से अपील: सड़क सुधार को प्राथमिकता दें और हादसों को रोकने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाएँ।
नेताओं से आग्रह: चुनावी वादों तक सीमित न रहें, बल्कि जनता की सुरक्षा को मूल मुद्दा बनाएं।
जनता से चेतावनी: हादसों को केवल देखना और सहना बंद करें, आवाज उठाएँ
ताप्ती सेवा समिति की ओर से उपाध्यक्ष प्रेमलता सांकले ने कहा : यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि समाज अब चुप्पी की माला नहीं पहनेगा।
जब तक गली और सड़कें सुरक्षित नहीं होंगी, तब तक यह आवाज़ लगातार गूंजती रहेगी।
समिति ने साफ कहा कि यह पहल न किसी दल के खिलाफ़ है, न किसी व्यक्ति के।
यह केवल और केवल जनहित और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए है।इस अवसर पर अध्यक्ष श्रीमती सरिता भगत, श्रीमती आशा तिवारी धर्मेंद्र सोनी (सचिव), उपाध्यक्ष अता उल्लाह खान, अभय बेलापुरकर, बसंत पाल, राजकुमार बछवानी, मीडिया प्रभारी विवेक हकीम, श्री किशन चौहान, श्री कृष्ण गांधी, दीपक हारने,इस्माइल अंसारी आदि लोग उपस्थित है।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


