*सूचना का अधिकार से भागता नगर परिषद*
*बैतूल जिले की नगर परिषद घोड़ाडोंगरी का मामला*

*सूचना के अधिकार में करतूत को छुपाने की हिमाकत*
दिलीप अग्रवाल ब्यूरो चीफ 942500 6741 घोड़ा डोंगरी
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की नगर परिषद घोड़ा डोंगरी में सूचना का अधिकार RTI अधिनियम की बखूबी धज्जियां उड़ाई जाकर आवेदकों को भ्रमित और गुमराह किया जा रहा है दाखिल RTI आवेदनों पर उचित एवं सत्य जानकारी नहीं दी जा रही है जिससे भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी जानकारी छुपाने से संदेह गहरा गया है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोक सूचना अधिकारी जानबूझकर RTI को नजर अंदाज कर रहे हैं जिसमें फर्जी कर्मचारी संविलियन के सभी सबूत दबाए जा सके यह मामला न केवल RTI का उल्लंघन है बल्कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार को बढ़ावा है
*जिम्मेदारी आईटीआई की जानकारी पर जानकारी क्यों नहीं दे रहे पी आई ओ*
नगर परिषद घोड़ाडोंगरी में अक्टूबर 2025 को आवेदक किसन कापसे ने RTI दाखिल कर नगर परिषद घोड़ा डोंगरी के पत्र क्रमांक 994 दिनांक 01/07/2024 के पत्र की जानकारी मांगी जिसमें नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नगर परिषद घोड़ा डोंगरी के प्रस्ताव क्रमांक 1 संकल्प क्रमांक 1 दिनांक 01/07/ 2024 में नगर परिषद के फर्जी संविलियन संबंधी संकल्प प्रस्ताव निरस्त करने का लेख है ऐसी जानकारी मांगी गई लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने आवेदक को पत्र क्रमांक 1364 दिनांक 27/11/2025 के माध्यम से चाही गई जानकारी निकाय में उपलब्ध न होकर संबंधित कार्यालय में उपलब्ध होगी ऐसा लेख कर गोलमोल जवाब आवेदक को भेज दिया
इस कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी का हस्ताक्षर युक्त पत्र क्रमांक 994 दिनांक 01/07/2024 जो नगर परिषद की जावक पंजी में दर्ज है जब जावक पंजी में पत्र दर्ज है तो पत्र कार्यालय का है यह स्पष्ट है जिससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि लोक सूचना अधिकारी जानबूझकर जानकारी नहीं दे रहे हैं जानकारी नहीं दिए जाने के कारण समझ के परे है जब कार्यालय का पत्र है तो आवेदक को क्यों नहीं दिया गया सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है और जब कार्यालय का पत्र यदि नहीं है तो नगर परिषद की जावक पंजी में कैसे दर्ज है लोक सूचना अधिकारी जानकारी क्यों नहीं दे रहे हैं ऐसी क्या बात इस पत्र में छीपी है क्या वास्तव में फर्जी सिविलियन संबंधी प्रस्ताव निरस्त करने का पत्र है खैर जो भी हो पर इस पत्र में कहीं ना कहीं कुछ तो
फर्जी वाडा है जरूर हैं जो इस पत्र के माध्यम से मुख्य नगर पालिका द्वारा अधिकारी द्वारा फर्जी संविलियन की पोल पूर्व पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने उजागर किया गया है जानकारी छुपाए जाने से इस कार्यालय की पारदर्शिता संदेश प्रद नजर आ रही है कहीं ना कहीं इस पत्र में ऐसे काले राज छिपे होने का डर भ्रष्टाचार के सबूत छुपाने RTI कानून को नजर अंदाज किया जा रहा है और RTI की अवहेलना निरंतर की जा रही है
*आरटीआई कानून का खुला उल्लंघन क्या कहता है कानून*
एडवोकेड निलेश मालवीय द्वारा बताया गया RTI कानून का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना, सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना और लोकतंत्र को वास्तविक अर्थों में जनता के लिए काम करने लायक बनाना है
पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत PIO को जानकारी देना अनिवार्य होता है पर लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी नहीं दिए जाने के कारण मजबूरी में आवेदकों अपील में जाना , राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाना के लिए मजबूर होना पड़ रहा है
*सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी कार्यालय में पूर्व पदस्थ लोक सूचना अधिकारी कारू सिंह उइके को जानकारी छुपाने के कारण सूचना आयुक्त द्वारा₹25000 की राशि से दंडित किया गया था उसके बावजूद लोक सूचना अधिकारी ने तनिक भी सिख नहीं ली गई।*
इनका कहना
मेरे द्वारा RTI दाखिल कर नगर परिषद के पत्र क्रमांक 994 की सत्यापित प्रति मांगी गई थी जिसमें मुझे भ्रामक एवं गुमराह करने की जानकारी दी गई मेरे द्वारा राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है
आरटीआई कार्य कर्ता
किशन कापसे घोड़ा डोंगरी

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699
Rni.no.2024/73678/2023

