*भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े ने की मांग: आरएसएस संस्था को बैन (प्रतिबंधित)किया जाए*
*एससी एसटी ओबीसी के युवाओं का भविष्य खराब कर रही है आरएसएस*
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) शाहपुर थाना अंतर्गत इच्छापुर में हुए विवाद के चलते हुए मंगलवार को भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े समाज जनों के साथ कलेक्टर बुरहानपुर द्वारा आयोजित साप्ताहिक जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने जनसुनवाई के अंतर्गत आरोपित किया कि थानेदार द्वारा एक तरफा कार्रवाई करके नाबालिक बच्चों का भविष्य खराब करने का प्रयास किया गया है और यह पूरी सोची समझी साज़िश की गई है। भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े द्वारा बताया गया कि घटना से पहले एक व्यक्ति द्वारा भारत भारत डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर पर अभद्र टिप्पणी की गई थी जिसके चलते हुए समाज जनों ने बड़ा दिल करके उसके माफी मांगने पर उसे माफ कर दिया था।उसी का बदला लेने के लिए नेताओं द्वारा एक योजना रची गई, बिना परमिशन के शासकीय स्कूल में रात को जबरन झंडा बैनर लगाकर शोर शराबा किया जा रहा था। इसी के चलते स्थानीय लोगों को यह दिखा तो उन्होंने उन्हें शासकीय संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं ऐसा आग्रह किया तो उन्होंने उल्टा इन पर हमला बोल दिया जिसमें महिलाएं बच्चे भी घायल थे, यह मामला गांव तक सीमित था। बौद्ध समाज के लोगों ने इसको महत्व नहीं दिया और कोई कानूनी कार्रवाई करना उचित नहीं समझा, क्योंकि वह भी बच्चे एससी एसटी ओबीसी के थे और उनका भविष्य खराब हो सकता था, परंतु दूसरे पक्ष ने नेताओं के कहने पर नाबालिग़ और बालिक बच्चों पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। इसी के चलते हुए मंगलवार को आयोजित कलेक्टर बुरहानपुर की जनसुनवाई में समाज जन ने एक तरफा कार्रवाई पर विरोध दर्ज किया और आरएसएस को प्रतिबंध करने की मांग की । जिले का माहौल खराब करने वाले ऐसे संगठन को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इसमें भी पूरे एससी एसटी ओबीसी के युवा साथी है, जिनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है और राजनेताओं के बच्चे पढ़ने बाहर जा रहे हैं और इन्हें दंगा करने में लगाया जा रहा है ऐसी संस्था पर पूरी तरह बैन लगना चाहिए। जल्दी कार्यवाही नहीं हुई तो बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
*आरएसएस पर तीन बार प्रतिबंध लगा है:* सबसे पहले 4 फरवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के बाद, दूसरा 1975-77 में आपातकाल के दौरान, और तीसरा 2000 के दशक के आसपास कुछ समय के लिए। 1948 के प्रतिबंध को 12 जुलाई 1949 को हटाया गया था, जबकि आपातकाल के दौरान लगे प्रतिबंध को 1977 में आपातकाल समाप्त होने के बाद हटा दिया गया था।
इस संस्था को बार-बार बंद चालू करने का उद्देश्य देश का भविष्य को खराब करना है इस पूरे देश से प्रतिबंध होना अति आवश्यक हो गया है। इस अवसर पर विजय मेढ़े विजय सालवे, रमाजन तड़वी, अरविंद भालेराव,गौतम मेढे,राजू मेढे, प्रवीण मेढे,विलास वाघ,प्रमोद वाघ, बाबूराव तायडे,नामदेव मेढे,संतोष वाघ, देवानंद सरसैदे,शरद रायपुर,दिलीप वाघ,सीताराम वाई,मीना बाई करोले,विद्या मेढे,जितेंद्र वाघ, ज्योति,सुनीता तायडे,रेखा वाघ,ललिता वाघ,नंदा बाई वाघ,आदि उपस्थित थे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


