*वरिष्ठ नागरिक अधिकरण (एसडीएम बुरहानपुर) के आदेश दि. 06.10.25 का तहसीलदार (श्री नितिन चौहान) कब पालन करेंगे?? 28 दिन से आदेश को टोकरी में क्यों डालकर रखा है ? सीनियर सिटीजन महिला की ये कैसी सुरक्षा ?*
(82 वर्षीय प्रोफेसर परिहार मैडम के जीवन /संपत्ति को अधिकारियों की कर्तव्यहीनता/अवमानना ने और अधिक ख़तरे में डाला)
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) बुरहानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल ने अपनी मुवक्किल (पक्षकार) एवं SGJQ कॉलेज बुरहानपुर की सेवानिवृत 82 वर्षीय प्रोफेसर श्रीमती कुसुम परिहार के प्राधिकरण प्रतिनिधि की हैसियत से वरिष्ठ नागरिक अधिकरण (एसडीएम बुरहानपुर) के समक्ष सशक्त पैरवी करके दिनांक 6.10.2025 को 82 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक प्रोफेसर कुसुम परिहार के पक्ष में ऐतिहासिक आदेश पारित करवाया था, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही थी। वरिष्ठ नागरिक अधिकरण बुरहानपुर के पारित आदेश के अनुसार उनकी समस्त संपत्ति को उन्हें वापस दिलाने का आदेश पारित हुआ था। वरिष्ठ नागरिक एवं 82 वर्षी ए प्रोफेसर के लिए उम्र के इस मोड़ पर अफ़सोस का मक़ाम है कि जीवन /संपत्ति की सुरक्षा/बेदखली के आदेश का पालन करवाए जाने के आदेश दि.06.10.2025 को तहसीलदार (श्री नितिन चौहान) ने पालन करवाने/करने के बजाए उसे 28 दिन तक फाइलों में दबा के पटके रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल द्वारा आदेश का परिपालन करने के लिए स्मरण करने पर भी तहसीलदार बुरहानपुर श्री चौहान की मनमानी प्रक्रियाओं के नाम पर अब तक आदेश का पालन नहीं किया है, जबकि उक्त 82 वर्षीय प्रोफेसर मैडम परिहार लगातार आदेश का पालन करवाने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित कर रही है । ऐसा प्रतीत होता है कि या तो इस प्रकरण में कोई मिली भगत हो सकती है या ये अधिकारी आदेश का पालन करने से बजाए किसी गंभीर घटना के घटित होने का इंतज़ार कर रहे है ? उक्त वरिष्ठ नागरिक श्रीमती परिहार मैडम के प्राधिकृत प्रतिनिधि श्री मनोज कुमार अग्रवाल (जो मैडम परिहार के छात्र रह चुके होकर अब पेशे से अधिवक्ता भी हैं) ने अधिकारियों की कार्रवाई पर गंभीर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि कानून आप कितना ही अच्छा बना ले लेकिन अधिकारी यदि उसका पालन नहीं करेंगे तो अच्छे से अच्छा कानून भी बेकार हो जाता है।उल्लेखनीय है कि संसद ने 2007 में वरिष्ठ नागरिक अधिनियम पारित जरूर कर दिया था, किंतु क़ानून में अकाउंटेबिलिटी निर्धारित ना होने से इन गैर ज़िम्मेदार अधिकारियों को जैसे कोई डर ही नहीं है कि किसी अनहोनी की स्थिति में अथवा मामला उच्च न्यायालय जाने की स्थिति में उसके परिणाम क्या होंगे ? वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से इस मामले में संज्ञान लेकर तत्काल वरिष्ठ नागरिक अधिकरण बुरहानपुर एसडीम के पारित आदेश दिनांक 06/10/2025 का इंप्लीमेंटेशन करके वरिष्ठ नागरिक को न्याय दिलाने की अपील की है।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


