*परीक्षार्थियों की मूलभूत सुविधाओं और यात्रा व्यय प्रतिपूर्ति योजना की माँग को लेकर ताप्ती सेवा समिति, बुरहानपुर ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया*
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) देशभर में लाखों युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी में अपना भविष्य संवारने में जुटे हैं। ये युवा दूर-दराज़ के शहरों में जाकर प्रतियोगी परीक्षाएँ देते हैं, परंतु परीक्षा केंद्रों तक पहुँचने और वहाँ की सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ताप्ती सेवा समिति, बुरहानपुर (म.प्र.) ने इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से माँग की है कि परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाए और एक “परीक्षार्थी यात्रा व्यय प्रतिपूर्ति योजना” प्रारंभ की जाए, ताकि युवाओं को परीक्षा के दौरान आने वाली असुविधाओं से राहत मिल सके।
समिति के ज्ञापन में कहा गया है कि —
“अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर न तो ठहरने की व्यवस्था होती है, न स्वच्छ जल और शौचालय की। कई बार अभ्यर्थियों को रातभर यात्रा करके सीधे परीक्षा केंद्र पहुँचना पड़ता है। थकान, भूख और असुविधा के बीच उन्हें परीक्षा देनी पड़ती है।”
महिला परीक्षार्थियों के संदर्भ में समिति ने विशेष चिंता व्यक्त की है। ज्ञापन में उल्लेख है कि —
“महिला अभ्यर्थियों को तो दोगुनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। न सुरक्षित ठहरने की जगह होती है, न स्वच्छ शौचालय। कई बार उन्हें दूरस्थ परीक्षा केंद्रों तक अकेले यात्रा करनी पड़ती है, जिससे माता-पिता को उनकी सुरक्षा की गंभीर चिंता रहती है। रातभर बसों या ट्रेनों में सफर कर सुबह परीक्षा केंद्र पहुँचना, और वहाँ प्रतीक्षा या विश्राम की कोई व्यवस्था न होना — यह स्थिति अत्यंत अमानवीय है।”
समिति का कहना है कि जब सरकार समाज के हर वर्ग के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएँ चला रही है, तब देश के भविष्य — इन युवाओं और विशेषकर महिला परीक्षार्थियों के लिए ऐसी कोई ठोस व्यवस्था न होना एक गंभीर कमी है।
समिति ने प्रधानमंत्री से निम्नलिखित माँगें रखी हैं:
प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर “परीक्षार्थी सहायता केंद्र” स्थापित किए जाएँ।
स्वच्छ जल, शौचालय, विश्राम स्थल और महिलाओं हेतु सुरक्षित प्रतीक्षा क्षेत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएँ।
“परीक्षार्थी यात्रा सहायता योजना” लागू की जाए — जिसमें यात्रा टिकट का खर्च शासन द्वारा वहन कर परीक्षार्थी के बैंक खाते में जमा किया जाए।
जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों को परीक्षा दिवस पर सेवा शिविर और अस्थायी सुविधा केंद्र संचालित करने के निर्देश दिए जाएँ।
महिला सुरक्षा सहायता डेस्क और महिला कर्मियों की नियुक्ति की जाए।
स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं को इस व्यवस्था से जोड़ा जाए, ताकि सहयोग और संवेदना का वातावरण बने।
समिति ने कहा कि —
“युवा हमारे देश की सबसे बड़ी शक्ति हैं, और महिला परीक्षार्थी इस शक्ति का अभिन्न हिस्सा हैं। यदि वे परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर असुविधा और असुरक्षा का सामना करें, तो यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है।”
अंत में समिति ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए परीक्षार्थियों — विशेष रूप से महिला परीक्षार्थियों — के सम्मान और सुविधा के लिए ठोस राष्ट्रीय नीति बनाई जाए, ताकि कोई भी युवा या युवती अपने सपनों की परीक्षा देने से पहले कठिनाइयों की परीक्षा न दे।इस अवसर पर ताप्ती सेवा समिति बुरहानपुर की अध्यक्ष श्रीमती सरिता राजेश भगत, संरक्षक राजीव खेड़कर, सचिव धर्मेंद्र सोनी, उपाध्यक्ष अता उल्लाह खान, पुनीत सांकले, अभय बालापुरकर, परेश शाह,बसंत पाल,राम अग्रवाल, मनोज कानूनगो, डॉ यूसुफ खान आदि लोग मौजूद थे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


