*एडवोकेट मनोज अग्रवाल के भाई डॉ. गिरीश अग्रवाल ने वकालत के पेशे में रखा क़दम*
*मेरे आदर्श / मेरे ज्येष्ठ भाई कोर्ट में भी अब वकील के रूप में मेरे साथ। मैं उनके साथ: हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट प्रैक्टिसिंग एडवोकेट मनोज अग्रवाल*
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) भारतीय धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। बुरहानपुर में मोहम्मद कामदार खान एडवोकेट, सेवानिवृत्ति निगम आयुक्त श्री शाह सहित अनेक ऐसे वकील हैं, जिन्होंने शासकीय सेवानिवृत्ति के बाद अपनी वकालत शुरू करके जनता को न्याय प्रदान किया। ऐसा ही एक मामला बुरहानपुर में प्रकाश में आया है। बुरहानपुर के अधिवक्ता एवं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल के प्रोफ़ेसर भाई ने भी उम्र के इस पड़ाव में विधि व्यवसाय में कदम रखा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री गिरीश कुमार अग्रवाल ने जीएसआईटीएस इंदौर से बीई इंजीनियरिंग और एमबीए के बाद पैतृक व्यवसाय तथा उसके बाद शिक्षण व्यवसाय (आई. आई. एम./ईरमा आनंद) से सेवानिवृत होने के बाद, इंदौर स्थित कॉलेज में ही विभागीय प्रमुख/प्रोफेसर रहते हुए एलएलबी करके वकालत के पेशे में अपनी चौथी पारी शुरू करने जा रहे हैं। आप का संक्षिप्त परिचय यह है कि बुरहानपुर के ही निवासी श्री गिरीश अग्रवाल (70), पेशा ए वकालत में 16 नज़ीर के माध्यम से अपना नाम स्थापित करने में सफल रहे एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल (60) के ही सबसे बड़े भाई है । विशुद्ध रूप से व्यापारिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले, और अब वकील के रूप में पिछले 15 वर्षों (वर्ष 2010) से वकालत कर रहे एड. मनोज अग्रवाल ने अपने इन्हीं उक्त ज्येष्ठ भाई डॉ गिरीश अग्रवाल के विधिक क्षेत्र में पदार्पण पर बधाई देते हुए तथा इसे अपना अहोभाग्य बताते हुए उन्हें अपना आदर्श बताते हुए कहा कि, प्रारंभ से ही मेधावी/प्रतिभाशाली एवं ऊंचे सिद्धांतों के धनी उनके मार्गदर्शन में ही में यहां (15 वर्षों में 16 नज़ीर) तक पहुंचा हूं, और अब तो उनके आदर्श/वे (श्री गिरीश अग्रवाल) स्वयं भी वकील के रूप में विधिक व्यवसाय के साथ साथ समाज को वास्तविक न्याय दिलाने में भी अपनी महती भूमिका निभा सकेंगे ।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


