“विजय दशमी के अवसर पर राजपूत समाज भवन मे शस्त्र पूजा संपन्न, जाकीर की कलम”
“सारनी:” विजय दशमी के पावन अवसर पर राजपूत समाज संगठन द्वारा राजपूत समाज भवन पाथाखेड़ा में मां भवानी की पूजा और शस्त्र पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। विजय दशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन के पश्चात भोजपुरी मंच के जिला अध्यक्ष श्री रंजीत सिंह ने बताया कि सनातन धर्म की प्राचीन परंपरा के अनुसार दशहरे पर शस्त्रों, वाहनों और यंत्रों की पूजा का विशेष विधान है, साथ ही जोर देते हुए कहा कि सनातन धर्म में शस्त्र “रक्षा का साधन” और शास्त्र “ज्ञान का साधन” यह दोनों का एक समान महत्व बताते हुए कहा कि बीते कई सालों से इसी तरह परंपरा के अनुसार अनुष्ठान कर रहे है। मंच का स्पष्ट मानना है कि सनातनियों को शास्त्रो और ज्ञान के साथ ही आत्मरक्षा के लिए भी शस्त्र की परंपरा का पालन करना चाहिए। ग्रंथों की अनुसार दशहरे पर शस्त्र पूजन की मान्यताएं सदियों पुरानी बताई गई हैं। चुकी विजय दशमी और दशहरा को लेकर दो प्रमुख कथाएं बताईं जाती है। एक कथा के अनुसार प्रभु श्री राम ने लंका युद्ध पर जाने से पहले विजय सुनिश्चित करने के लिए शस्त्रों की पूजा की थी। वही दूसरी ओर देखे तों महिषासुर राक्षस के वध से जुड़ी बताई जाती है। जैसे महिषासुर ने स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया था, तब देवताओं ने देवी माँ को अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे। उक्त अस्त्र-शस्त्र की शक्ति से ही देवी मां ने महिषासुर का संहार कर विजय प्राप्त की थी। यही कारण है कि विजय का पर्व मतलब विजयादशमी के दिन इन शक्तियों की पूजा की जाती है। चुकी दशहरा हमें सिखाता है, कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अच्छाई हमेशा जीतेगी ही इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। चुके जलता हुआ पुतला केवल बाहरी रावण नहीं, बल्कि हमारे भीतर की बुराइयाँ भी कहना गलत नही होंगा। श्री रंजीत सिंह ने कहा साहस ही समस्त नकारात्मकता के विरुद्ध असली हथियार है। चुके दशहरा हमें याद दिलाता है कि धैर्य और दृढ़ संकल्प विजय की ओर ले जाते हैं। जैसे राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। ठीक वैसे ही अपने सभी भय पर भी हम विजय प्राप्त कर सकते हैं। वही शस्त्र पूजन के दौरान राजपूत समाज संगठन के अध्यक्ष अरुण सिंह, राम सिंह सेंगर, महेंद्र सिंह ठाकुर, नरेंद्र कुमार सिंह, मिथिलेश सिंह, भरत सिंह, रंजीत सिंह, सरोज सिंह, विक्की सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, आई पी सिंह, सुधीर सिंह, सुनील सिंह, युवराज सिंह, तीरथ सिंह चौहान, किशन सिंह सोलंकी, शाश्वत सिंह, अंशुमान सिंह आदि की उपस्थिति में विधि विधान से मां भवानी की पूजा और शस्त्र पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। चुके शस्त्र वीर का अधिकार,
शौर्य का आधार, अधर्म का उपचार,
शांति का विकल्प, स्वधर्म की ढाल,
अधर्मी पर काल, अस्त्र-शस्त्र प्रकृति की कमान, आत्मरक्षा का विचार,
प्रकृति का उपहार, मां काली की कटार, श्री राम का धनुष, महादेव का त्रिशूल, मां दुर्गा का श्रृंगार, शेरावाली कि तलवार।। विजय दशमी, दशहरा या शस्त्र और शास्त्र पर जितना भी लिखा जाए या स्तुति की जाए, जहां तक मैं समझता हूं कम होंगी।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


