*ट्रायल कोर्ट ने रंजीत सिंह, दीपक, प्रकाश के खिलाफ गलत तरीके से आरोप तय किए थे: उच्च न्यायालय जबलपुर*
*हाई प्रोफाइल रविन्द्र देशमुख सुसाइड केस में उच्च न्यायालय जबलपुर ने रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दिपक शिवहरे को आरोप मुक्त किया:-*
*रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे और दीपक शिवहरे को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(5) के साथ धारा 108 के तहत आरोप से मुक्त उच्च न्यायालय*
*बैतूल: जाकिर भारतीय* “रुकूंगा नहीं चलता रहूंगा, चाहे डगर कितनी ही कठीन क्यों न हों,, सच की राह पर सत्य मेव जयते का दामन थामे चलता रहूंगा, चुके मुसाफिर नहीं हूं मैं, भलेही देर सवेर हो मंजिल मिलेंगी, चुके सच कभी छुपता नहीं” मामला है हाई प्रोफाइल रविन्द्र देशमुख सुसाइड केस का जिसमे उच्च न्यायालय जबलपुर ने रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दिपक शिवहरे को आरोप मुक्त किया हैं।
चुके 11 जुलाई, 2025 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में न्यायमूर्ति श्री देवनारायण मिश्रा के समक्ष आपराधिक पुनरीक्षण संख्या 2615/2025, 2724/2025 आवेदक दीपक शिवहरे, प्रकाश शिवहरे, रंजीत सिंह के विरुद्ध
मध्य प्रदेश राज्य और अन्य पर उपस्थिति एस.आर. ताम्रकार – वरिष्ठ अधिवक्ता, रजनीश कुमार पांडे, अंकित चोपड़ा, हिमांशु तिवारी आवेदक के वकील एवं राज्य के सरकारी वकील प्रमोद कुमार पाण्डेय पर सुनवाई की गई। चुके रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दिपक शिवहरे ने पुनरीक्षण याचिकाएं प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बैतूल, जिला-बैतूल (म.प्र.) द्वारा एस.टी. क्रमांक 07 में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108 सहपठित 3(5) के तहत आवेदकों के खिलाफ दिनांक 09.05.2025 को आरोप तय करने के आदेश के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बताए गए सभी तथ्यों और कानूनों को देखते हुए, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(5) के साथ धारा 108 के तहत आवेदकों पर मामला नहीं बनता है। ट्रायल कोर्ट ने इन आवेदकों के खिलाफ गलत तरीके से आरोप तय किए हैं, इसलिए, आवेदकों जिसमे रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे और दीपक शिवहरे को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 3(5) के साथ ही धारा 108 के तहत आरोप से मुक्त कर दिया गया है, और उन्हें प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, बैतूल (म.प्र.) के समक्ष लंबित एस.टी. क्रमांक 07/2025 में उपरोक्त अपराध से मुक्त करने के आदेश पारित हों चुके। गौरतलब है कि बैतूल जिले के हाई प्रोफाइल रविंद्र देशमुख सुसाइड केस में पाथाखेड़ा पुलिस चौकी द्वारा सुसाइड नोट के आधार पर अपराध क्रमांक 444/2024 में 14 लोगो को आरोपी बनाया गया था। उक्त प्रकरण में आरोपियो को सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर काटने पड़े। कहते है सत्यमेव जयते, सच कभी छुपता नहीं, सच हलाकान परेशान हों सकता हैं, किंतु पराजय नहीं। चुकी अतःमें रंजीत सिंह प्रकाश शिवहरे, दिपक शिवहरे को उक्त मामले में आरोप मुक्त किया गया। जो कि रंजीत सिंह शुरू से ही सीआईडी/सीबीआई को मामला सौप कर जांच की मांग लगातार करते चले आ रहे थे। वही कई मर्तबा सीआईडी/ सीबीआई विभाग को हाईप्रोफाइल सुसाइट मामला भिन्न भिन्न समाचार पत्र, कई संघ, संगठनों द्वारा कभी महामहिम राष्ट्रमति तों मुख्यमंत्री या गृहमंत्री जैसे देश के विभूतियों से ज्ञापन, आवदेन के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग चली, किंतु उपरोक्त विभूतियों द्वारा धरातल पर नहीं उतरा गया। चुकी दो जाने गई, दो, परिवार बेसहारा हुए, साथ ही कई परिवारों की जिंदगियां दाव पर लगी। जिसे गंभीरता के साथ उच्च न्यायालय जबलपुर ने अध्ययन कर निर्णय देकर तीन लोगों को दोष मुक्त कर, बेगुनाहों को राहत प्रदान की है, जिसे सत्यमेव जयते कहना गलत नही होंगा।
*इनका कहना है*
मेरे ऊपर लगाया गया सभी आरोपो को निराधार मानते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर ने रविंद्र देशमुख सुसाइड केस सें आरोप मुक्त किया है। मेरे द्वारा पहले दिन से ही उक्त मामले में सीआईडी/सीबीआई जाच की मांग की जा रही थी। क्योंकि मरे उपर लगाए गए आरोप निराधार और बेबुनियाद थे ।
*रंजीत सिंह*
मृतक रविन्द्र देशमुख ने सुसाइड नोट में काल्पनिक बातों का जिक्र कर मिथ्या आरोप लगाए थे। जिस को आधार मानकर पुलीस चौकी पाथाखेड़ा में हमारे खिलाफ धार 108,3(5) का प्रकरण दर्ज किया था। जिस पर प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बैतूल द्वारा हमारे खिलाफ आरोप तय किये थे। जिसके खिलाफ हमारे द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर में अपील की थी,उच्च न्यायालय ने उक्त मामले से आरोप मुक्त किया है।
*प्रकाश शिवहरे*
हमारे उपर लगाए गए आरोप निराधार थे। जबलपुर न्यायालय ने सारे आरोपो से दोष मुक्त कर दिया है।
*दीपक शिवहरे*

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699
