“एलएफएस स्कूल पाथाखेड़ा का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक मान्यता पर हमला, जाकीर कि कलम”
।। ललाटे तिलकं कृत्व संध्याकर्म समाचरेत! अकृत्वा भालतिलकं तस्य कर्म निरर्थकम ।।
।।धार्मिक ग्रंथों की माने तो माथे के बीच में तिलक लगाने से आज्ञाचक्र जागृत होता है, जो की व्यक्ति के ओज और तेज को बढ़ाता है।।
“लिटिल फ्लावर स्कूल प्रबधन द्वारा कलेवा एवं तिलक न लगाने देने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा स्कूल प्रबधन के खिलाफ एसड़ीओपी के नामें पुलिस को सौपा ज्ञापन”
“तिलक मिटवाया तो बजरंग दल ने मचाया हंगामा लिटिल फ्लावर स्कूल प्रबधन ने मांगी माफी”
“सारनी” “जी रहे कपड़े बदल बदल कर वर्षों से संसार बदलने को, एक दिन ऐसा आया, अब कपड़े बदलने से संसार को खेल समझना बेफिजूल हो गया” चुकी”किसी व्यक्ति को कलेवा लगाने से रोकना अभिव्यक्ति की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर हमला माना जाता है। चुकी कलेवा और तिलक न लगाने देने पर अभी
व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता और परंपरा का उल्लंघन हो सकता है, जिससे सामाजिक और धार्मिक प्रभाव पड़ते हैं। चुकी ऐसा ही एक दृश्य एलएफएस स्कूल पाथाखेड़ा का चर्चा का विषय बना हुआ है। जो की
कोल नगरी पाथाखेड़ा के एलएफएस स्कूल में शुक्रवार को उस समय हंगामा मच गया। जब स्कूल में अध्ययन के लिए गए विद्यार्थियों के हाथो मे बन्धे कलेवा व माथे पर लगा तिलक मिटवा दिया गया। इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सारणी द्वारा पाथाखेड़ा चौकी मे सारणी एसडीओपी के नामें ज्ञापन सौपा गया। अखिल भारतिय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री आयूष सिह, सिर्दाथ डेहरिया, श्रीराम पवार ने बताया की स्कूल की तानाशाही रवैया के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रो ने पुलिस चौकी पहुंचकर स्कूल प्रबंधन की मान्यता रद्द करने के साथ ही दोषी लोगो पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने मांग की है! इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर उपाध्यक्ष शुभम मदने, श्रीधर, अश्विनी, महाविधालय संयोजक हर्षित, अमन पटने, अभय जैन, शुभम बिंजाड़े, गौरांग, रोहित पटेल, गौरव देशमुख, आकाश साहू उपस्थित थे। सुबह सवेरे उक्त मामले कि सूचना मिलते हैं बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारीयों का साथ ही कार्यकर्ताओं के दल ने स्कूल पहुंचकर हंगामा मचाया। जमकर नारेबाजी की, जिसकी जानकारी मिलते ही पाथाखेड़ा चौकी प्रभारी वंशज श्रीवास्तव ने स्कूल प्रबंधन एवं बजरंग दल एवं विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं से बातचीत की एवं स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को टीका लगाकर अपनी गलती के लिए माफी मांगी। गौरतलब है कि कॉन्वेंट स्कूलों में कलेवा और तिलक पर कई बार विवाद की स्थिति बनी। किंतु विरोध प्रदर्शन के बाद मामला शांत हो पाया। बीते दिनों बैतूल एलएफएस का मामला भी इसी तरह गरमाया था। जो कि शाला प्रबंधन को ज्ञात होना चाहिए कि किसी भी छात्रा छात्र के आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए, चुकी छात्रों के मन में मर्यादा पुरुषोत्तम राम बसते है न कि रावण, छात्रों के साथ खिलवाड़ का परिणाम शायद क्षेत्र का जाना माना स्कूल लिटिल फ्लावर पाथाखेड़ा देख पाया। चुकी एलएफएस स्कूल पाथाखेड़ा में नारेबाजी व प्रदर्शन कर्ता निशांत भंडारे, विजय पटने, राकेश बारंगे, अंजनी सिंह, राणा प्रताप सिंह समेत अन्य लोग भारी आक्रोश के साथ शामिल थे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


