“चिखल्दा शिक्षक की लापरवाही, सप्ताह में सिर्फ दो दिन शाला में उपस्थिति, जाकीर भारतीय”
( दैनिक बैतूल न्यूज)
“प्राथमिक शाला चिखल्दा में दिनचर्या का हिस्सा बना चुका शिक्षक अनुपस्थित रहने का, ग्रामीण त्रस्त”
“भीमपुर:” जन शिक्षा केंद्र भीमपुर अंतर्गत आने वाले प्राथमिक शाला चिखल्दा में शिक्षक की अनुपस्थित होने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार मय दिखाई देने लगा है।
चुके प्राथमिक शाला में शिक्षक की अनुपस्थिति दैनिक दिनचर्या को भंग करती है, और शिक्षण की गुणवत्ता को घटाती है, जिस कारण छात्रों को सीखने के समय में भारी मात्रा में कमी आ रही है। जो कि सामाजिक-
भावनात्मक विकास बाधित हो गया है। वही शिक्षक के अनुपस्थिति की बात करें तों शिक्षक का यह प्रति सप्ताह 2दिन तों माह में ईमानदारी से 1 सप्ताह बीआरसीसी भीमपुर की नौकरी बजाते हैं, और वेतन पूरे माह की इससे अच्छी और कौन सी नौकरी मिल सकती है, बिना किसी परेशानी के, किंतु प्रतीत होता है शिक्षक को ज्ञात नहीं की बच्चों के भविष्य का क्या होंगा। जिसके लिए प्रबंधन स्थानापन्न शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए, वही प्रधानाध्यापक द्वारा अनुपस्थिति की निगरानी कर, स्पष्ट अनुपस्थिति दिशानिर्देश और शिक्षकों को भागीदारी से समाधान खोजना महत्वपूर्ण है, जो कि अब तक ऐसा प्रबंधन देखा नहीं गया। वही अतिथि शिक्षक का कहना है कि शिक्षक आज अनुपस्थित है, आज स्कूल नहीं आ पाएंगे। बच्चों का कहना है कि शिक्षक “सर” सिर्फ सप्ताह में दो से तीन दिन ही आते हैं, बाकी दिनो शिक्षक की अनुपस्थित प्रति सप्ताह रहती हैं। शिक्षक की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्र मैं पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य शिक्षक की लापरवाही के चलते खराब हो रहा है। जिसमें बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर धकेला जा रहा एवं बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। शिक्षा जैसे पवित्र कार्य के लिए यदि शिक्षक ही अनुपस्थित रहेंगे तो बच्चों को शिक्षा कैसे प्राप्त होगी। चुकी बच्चों के भविष्य का निर्माण शिक्षक ही करते हैं, किंतु शिक्षक ही नदारत रहेंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा। प्राथमिक शाला चिखल्दा में बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा, यह शिक्षक की बड़ी लापरवाही सामने दिखाई दे रही है। शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है, कि प्राथमिक शाला चिखल्दा के शिक्षक ही लापरवाही कार्य करते रहेंगे। चुकी शिक्षा विभाग में बैठे आका मौन धारण किए हुए प्रतीत होता है। चुकी शाला में शिक्षक की अनुपस्थिति का प्रभाव बहुत ही रहस्य मय ढंग से छात्रों पर पड़ता है जो कि दिखाई नहीं देता। किंतु परिणाम भयंकर निकल कर सामने आते है। चुकी बच्चों के सीखने के समय में कमी शिक्षक की अनुपस्थिति से छात्रों का महत्वपूर्ण शिक्षण का समय कम हो जाता है। जिससे सीखने में अंतराल पैदा होता है जो समय के साथ घटता और गुणवत्ता में भारी मात्रा में गिरावट आती हैं। कुछेक शालाओ में शिक्षक की अनुपस्थित शिक्षकों को अक्सर अयोग्य या घटिया स्थानापन्न शिक्षकों से बदल दिया जाता है। जिससे शिक्षण की गुणवत्ता और छात्र परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सामाजिक और भावनात्मक विकास में बाधा छात्रों की अपनी उपस्थिति से छात्रों के सामाजिक और भावनात्मक विकास में बाधा आ रही हैं, और सकती है। जिस कारण बच्चों में झगड़े, असहिष्णुता और विघटनकारी व्यवहार बढ़ रहा है।
“इनका कहना है”
आप के माध्यम से प्राथमिक शाला चिखल्दा के शिक्षक की गतिविधि से अवगत कराया, मैं जल्दी ही जांच कर कार्रवाई करूंगा। हमें खुशी हैं कि मीडिया शालाओं की वास्तु स्थिती से अवगत करा कर हमें सहयोग प्रदान करते हैं। बीआरसीसी ने आगे कहा ऐसे लापरवाही कर्ता शिक्षक पर अति शीघ्र कार्रवाई करेंगे।
“तुलसीराम यादव बीआरसीसी भीमपुर”

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


