*सशक्त पत्रकार समिति प्रदेश अध्यक्ष के सौजन्य से शहर के मध्य विशेष पत्थर से निर्मित महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुई*
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) बुरहानपुर के शाही किले स्थित शहर के बीचों बीच गोरखनाथ मंदिर में धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच आदि कवि रामायण रचयिता श्री महर्षि वाल्मीकि जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हवन यज्ञ कर विधिवत पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुई। सशक्त पत्रकार समिति के प्रदेश अध्यक्ष एवं वाल्मीकि संगठन के संस्थापक उमेश जंगाले ने बताया कि विशेष पत्थर से निर्मित 50 किलो वज़नी वाल्मीकि जी की यह प्रतिमा गोरखनाथ मंदिर में उनके सौजन्य से स्थापित की गई। उमेश जंगाले ने बताया कि भगवान वाल्मीकि जी ने मानव कल्याण के लिए ही पृथ्वी पर जन्म लिया। महर्षि वाल्मीकि की ओर से रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई जाती हैं। जो रामायण ग्रंथ राजा राम के जीवन के सत्य व कर्तव्य से परिचित करवाता है। मूर्ति की स्थापना के पश्चात समाजजनों ने महर्षि वाल्मीकि जी को छप्पन भोग लगाकर प्रसादी ग्रहण की। कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। वहीं वाल्मीकि समाज के कालू जंगाले ने बताया कि वाल्मीकि जी ने रामायण जैसा महाकाव्य लिखकर संसार को संदेश दिया कि भाई को भाई से, पुत्र को पिता से, पत्नी को पति के साथ सम्मान से व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि वाल्मीकि जी की पूजा अर्चना शहर के बीचों बीच मंदिर में करने का अवसर समाजजनों को मिलेंगा। उन्होंने कहा कि समाज जनों को यहां पूजा अर्चना करने में काफी सुविधा मिलेंगी क्योंकि यह मूर्ति शहर के बीच केंद्र में स्थापित की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699


