“सैकडों शिक्षको ने नर्मदापुरम से किया कुच, राजधानी के अम्बेडकर पार्क में जुड़े, जाकीर की कलम”
“शिक्षकों ने सरकारी नीतियों का पुरजोर किया विरोध, भारी आक्रोश के साथ मुख्यमंत्री के नामें सौंपा ज्ञापन”
“भोपाल:” प्रदेश सरकार की रीति और नीति से त्रस्त होकर शिक्षा क्षेत्र के सूत्रधार कहु या सिपासलार जमीन पर भारी आक्रोश के साथ उतरते गुरुवार को झीलों की नगरी भोपाल में दिखाई दिए। सरकार की कूटनीति को देखते हुए भारी संख्या में शिक्षक वर्ग ने हिस्सा लिया। प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतिया खासकर “सिपासलारो के शिक्षक” ई-अटेंडेंस ऐप और सेवा शर्तों “जैसे वरिष्ठता, पदोन्नति, और गैर-शैक्षणिक कार्यों में तैनाती” के विरोध में प्रदर्शन किया, शिक्षकों ने पदोन्नति, समान वेतन, और गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति जैसी मांगों पर जोर दिया, वही मांगें पूरी न होने की दशा में आंदोलन को प्रदेश से केंद्र तक ले जाने में देरी नहीं करेंगे, इस तरह की शिक्षक संघ में संभावना दिखाई दी। चुके मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अम्बेडकर पार्क में दिनांक 25 दिसंबर गुरुवार को हजारों शिक्षक एकत्रित होकर शिक्षा विभाग की नीतियों का पुरजोर विरोध किया साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल किए, उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन शिक्षकों ने कठोर परिश्रम कर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम दिए है। विभाग उन्ही शिक्षकों को E-अटेंडेंस के नाम पर बदनाम कर रहा है।शिक्षकों का कहना है कि आज मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था प्रगति के शिखर पर चल रही है। जिसे विभागीय आंकड़े बता कर शासन स्वीकार भी कर रहा है। शिक्षा उन्नति की ओर अग्रसर है, तो यह योगदान किसका है, यही शिक्षकों के परिश्रम का परिणाम है, इसके बाद भी E-अटेंडेंस के नाम पर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है, इससे समाज में गलत संदेश जा रहा, जिसके चलते प्रदेशभर के शिक्षक एकत्रित होकर आंदोलन कर रहे है,,शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षो से सेवा सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण नही किया जा रहा है, राज्य शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उमेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सरकारी विद्यालय की तस्वीर बदली है।बुनियादी सुविधाओं से लेकर शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है,और 10वी/12वी परीक्षाओं में लगातार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थि अव्वल आ रहे है। इसके बाबजूद शिक्षक अपनी मूलभूत मांगों के समाधान के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर है,,प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव का कहना है कि सरकार ने उनसे अपेक्षा तो बढ़ाई है, लेकिन वर्षों से लंबित समस्याओं पर ठोस निर्णय नही लिया गया,,इसके चलते प्रदेश भर के राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्त शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे है,,धरनास्थल पर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नामें ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया,,पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षकों की प्रमुख मांगों में नियुक्ति दिनाँक से वरिष्ठता निर्धारण, अव्यवहारिक व्यवस्था E-अटेंडेंस को बंद करना, ग्रेजयुटी औऱ अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में सरलता, अतिथि शिक्षकों की नियमित वार्षिक सेवा, समय पर क्रमोन्नति एवम समयमान वेतन का लाभ शामिल है,, शिक्षकों का कहना है इन मुद्दों के कारण कार्य संतोष मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, धरना को करतार सिंह राजपूत, कुंअर सिंह बाडिबा, निशांत पाठक एवम कैलाश पुरोहित ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरकार को शिक्षकों की न्यायोचित मांगों पर गम्भीरता से विचार नही किया, तो आंदोलन को व्यापक किया जाएगा, उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये शिक्षकों के साथ नर्मदापुरम के हजारों शिक्षकों ने आवाज बुलंद की औऱ कहा कि सरकार को वर्षो से लंबित ज्वलंत समस्याओं का त्वरित निराकरण करना होगा, धरना में हजारों की संख्या में शिक्षक/शिक्षिकाएं उपस्थिति रहे। नर्मदापुरम जिले से जिलाध्यक्ष उमेश ठाकुर के साथ निशांत पाठक, हरगोविंद गौर, प्रदीप गौर, कैलाश रघुवंशी, कैलाश पुरोहित, योगेंद्र पटेल, सुनील साहू, गजेंद्र सिंह, कुंअर सिंह बाड़ीबा, संतोष मीना, हेमराज तिवारी, धीरेंद्र पटेल, शिवकुमार द्विवेदी, मोहन राजपूत, अर्जुन रघुवंशी, जीवनलाल विश्वकर्मा, विजयसिंह राजपूत, राजेन्द्र सिंह परमार, दुर्गाप्रसाद कुशवाहा, विमल राकेश, अजय सोनी, सीताराम रघुवंशी, प्रेमशंकर साहू, रवि श्रीवास, विष्णु पाढऱ मणिशंकर रघुवंशी, राकेश नावड़ा, सतीश आरसे, दरयाव सिंह, रोहित मिश्रा, मुकेश मिश्रा, परमसुख गढ़वाल, टीकाराम, गनेश राम पुर्विया, गिरवर पुर्विया, आनंद पटेल आदि अनेक शिक्षक साथी उपस्थिति रहे।

केशरसिह पालवी
दैनिक बैतूल न्युज
संपादक. 9424615699
Rni.no.2024/73678/2023


